बात यहा ,इश्क की जाबाजी में हे !!!

बात यहा ,इश्क की जाबाजी में हे ,
फिर मेंरी जो मुस्कुराहट तेरी खुशमिजाजी में हे

मुझे जीतने की यहा कोई चाह नही,
मेंरी यु ही जीत तुझसे हारी हर बाजी में हे

आज तो इश्क होना लाजमी हे यहा ,
आज बात तुम से आप ,हा से हा जी में हे

तुम्हे फुरसत से देखने की चाह में बेठे ,
पर माँमला अटका तेरी अदाओ की चालबाजी में हे

खवाब हे शायर के ये अब भी के कैसे ,
मामला उल्झा अभी भी ना ओर कभी राजी में हे

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