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Showing posts from March, 2015

Zindgi ab kha hai tujme samjte hai

Irado ka ek man karke chalte hai, in yadoo ko dafan karke chalte hai!! ................................ Zindgi ab kha hai tujme samjte hai, badlna hai khud ko jatan karke chalte hai, nayi umid nayi koshish ek phir hogi, khud ko khozne ka praytan karke chalte hai, Kyu na khud se hi mohbat ho ab yaha, sukoon de aisa mukmal jivan karke chalte hai, Yaha guzarti nai zindgi pyar mohbat se sirf, Daulat ke is waqt me dil ko saghan karke chalte hai!!!

तेरी खामोशी ,तेरी बेवफाई बयान करती हे,

गर आपको है झूठ के मीठेपन से मुहब्बत है, तो हमारा क़सूर है कि हम सच का कड़वापन बेँचते हैं.. ................................................. ............ बदलना पड़ेगा अगरर खुद को बचाना हे झूठा, जालसाज़ ,बेखबर ये जमाना हे, तेरी खामोशी ,तेरी बेवफाई बयान करती हे, तू ये मत कह कितना पागल ये दिवाना हे, ये जमाना वो हे जो हमे इश्क सीखाता हे, जिनका काम इश्क का नाम लेकर दिल बहलाना हे, फूरसत से बताएगे कभी तेरे चहेरे को पढकर, तेरे दिल मे क्या छूपा केसा ये अफ़साना हे!!!! p@W@n

खुद से मोहब्बत करना सीख मेरे दोसत,

कहानियो मे पढा था इश्क अधूरा हे, आज वक्त आजमाने लगा हे तेरे मेरे कीरदार मे!!! ...................................................... खुद से मोहब्बत करना सीख मेरे दोसत, सब कुछ हे अगर वजूद हे खुद का ससार मे, ये इश्क की बाते अब हमे मत सीखाओ, कोन वक्त गुजारता किसी के ईतजार मे, हम ने खुब शोक से देखा जमाना, एक शतीर दिल हे नादान दिल के शिकार मे दिल हे जो बेशक होगा कतल किसी मोड पर, गुजरते जाओ बस नाम ना लीखा जाये गुनहगार मे!!!! P@w@N.