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Showing posts from 2017

सुकून मिले जहा पा ले कुछ

सुकून मिले जहा पा ले कुछ , बचपन समझकर ही चुरा ले कुछ , दुनिया से दूर रहने की तलब हे , खेल समझकर खुद को छुपा ले कुछ जिंदगी से अब वाकिफ मैं हु , मिलेगा सब तलब से चाह ले कुछ मिलती नहीं वजह तो दूढ़ आज तू , बहानो से ही सही पर खुद को हसा ले कुछ !!! Pawan !!

ये बंदिशों में जकड़ा केसा समाज बना दिया

सब ख्वाबो को दौलत का मोहताज बना दिया , जो चल रहा था आज तक वही रिवाज़ बना दिया , मैं अभी तक एक ही जंग हरा हु मेरे दोस्त यहाँ , तूने तो मुझे हर महफ़िल में नजरअंदाज बना दिया सच को छुपाने की हर तरफ नापाक कोशिशे रही हे , मैंने चाहा बोलना सबने मुझे खामोश आवाज बना दिया , कहते तो सब हे हमे बदलना हे अपने आज को , पर ये बेड़ियों ,ये बंदिशों में जकड़ा केसा समाज बना दिया , खुदकुशी की हे उसने न जाने क्या मजबूरी समझकर, लड़ न पाया जिंदगी से मुशिकलों को हमने बेइलाज बना दिया , नफरतो में ढल गए ये मेरे सारे शहर वक़्त दर वक़्त , जी किसने जिदगी मुस्कुराकर सबने यहाँ दफन राज बना दिया !!!!! पवन

बड़ी मजिलो के यहाँ इंतकाम बड़े बड़े !

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बडी मजिलो के इंतकाम बड़े बड़े , हादसों के शहर ये मेरे ,पर नाम बड़े बड़े मोहब्बत को जरा संभाल के ही चलना यहां, मिले हे नफरत रखने वालो से अंजाम बड़े-२ मुझे मेरे माफिक मेरी मर्जी से जी लेने दे , फिर आज आये हे, देने वो मुझे पैगाम बड़े-२ थोड़े और सबर की मुझे आज जरूरत पडी हे , इम्तिहान ज्यादा हे मेरे हे क्योकि काम बड़े-२ Pawan .......!!

सफ़र

मेरे सफ़र के अंदाज़ बड़े बेहतरीन हे आज फिर से कश्तियां डगमगाई हे !!! Pawan .........….........!!!!

खटकता हे मेरा हुनर जमाने को

क़ीमत उसे मालूम नही मेरी अभी , वास्ता वो मुझसे इश्क का मागता हे !! खटकता हे मेरा हुनर जमाने को , कुछ ऐसा दे जिससे जमाना मुझसे मोहब्बत करे !! Pawan .

मैं हजार ख्वाहिशें लेकर बैठा हूं

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मैं हजार ख्वाहिशें लेकर बैठा हूं वो कहता हे अभी और सबर रख, मुझे अपने घर के हलात मालूम नही, वो कहता है मेरे शहर की खबर रख में भूल गया हूं अपने गाव जाना वो कहता है मुझे हर शहर में घर रख, निकलने की बात कहता गुजरे कल से वो कहता है पर शायरी में तो असर रख उसने देखे कहा है मेरे चोटों के निशान वो कहता है आज भी ख्वाइशों में शिखर रख Pawan

हो जायेगे बहुत इल्जाम हासिल

हो जायेगे बहुत इल्जाम हासिल हो जायेगा जब एक मुकाम हासिल जरूरत आज कल जीने की हे बस कोशिश कर जो हो जाए जाम हासिल मुझे दे दो मेरी इज्जत मुझे बस , कर लो सब मिलकर अपने इनाम हासिल केसे होगा गुजारा यू यहा हमारा बोलो सल्तनत तुम्हारी ओर करना है मुझे नाम हासिल !!! पवन
कुछ नहीं बस ,सब क़सूर हे इस दिल अनजाने का , कैसे, इश्क़ करके जो सोच लिया तुमसे दूर जाने का !!! तोल ले आज तू अपने इस इश्क के तराजू में , कल याद रख, तुझे अपने इश्क की ओकात बताउगा !! काश बड़ी -२ ख्वाहिशो में जीकर होती इस बात की , कुछ नहीं ,जिंदगी सब मजदूरी ही तुम्हारी दिन-रात की !! P@W@n
मोहब्बत यु भी होगी नहीं हमे अब , यकीन मानो दोस्ती तुम हमसे रख नहीं पाओगे !! मोहब्बत यु भी होगी नहीं हमे अब , यकीन मानो दोस्ती तुम हमसे रख नहीं पाओगे !! ~~admin

तेरी बेवफाई

तेरी बेवफाई तेरे इस इश्क के दरमियान जिंदा रहू मैं , तु ही बता, हे क्या ऐसा भी तुझमे , यु फ़िदा रहू मैं ,

यू बातो की बात मत करो ,जरा सुनो

एक कोशीश ... यू बातो की बात मत करो ,जरा सुनो , चिल्ला-२ कर कुछ कहते खून के निशान मेंरे , सियासत से कुछ उठो थोड़ा खुदगर्जों , देखो सुनो ,समझो, हे यहा खानदान मेरे तुम जिंदा होकर नही सुनते हो , मरने के बाद भी चीख सुनते कान मेरे, आज शहादत ,कल हुए कुछ शदीद साथी जवान मेरे क्यु हे आ ज भी देश में सुनंने में आसान मेंरे आज मै सब कुछ कह ही देता हु , कब तलक दबाउ होठो में जुबान मेरे p@W@n

बात यहा ,इश्क की जाबाजी में हे !!!

बात यहा ,इश्क की जाबाजी में हे , फिर मेंरी जो मुस्कुराहट तेरी खुशमिजाजी में हे मुझे जीतने की यहा कोई चाह नही, मेंरी यु ही जीत तुझसे हारी हर बाजी में हे आज तो इश्क होना लाजमी हे यहा , आज बात तुम से आप ,हा से हा जी में हे तुम्हे फुरसत से देखने की चाह में बेठे , पर माँमला अटका तेरी अदाओ की चालबाजी में हे खवाब हे शायर के ये अब भी के कैसे , मामला उल्झा अभी भी ना ओर कभी राजी में हे

Jissne ji nai Kabhi Yaha zindgi

Jissne ji nai Kabhi Yaha zindgi,. Vo Yaha khud ko hosiyaar khata hai Jise maloom nai ane wale pal ki ahat, Vo bhi khud ko bada gyaani khbardaar khata hai, Jo rishte hai keval jarurato  se bandhe, Yaha har shakhs unhe Jine adhaar khata hai Jiss-ne Yaha chaha Na rakhi Sach janane ki, Vo  sab Sach maan leta Jo har roz akhbaar khata hai Asaan nai hai yu bhi Yaha khudari se zindgi jeena, Dekh har roz umid se bhara khula bazaar  khata hai P@w@n

बडा ही सरल हे ये सफर भी तेरे दरमियान !

हूनर तेरा हे जिकर तेरा हे , बात तेरी हे असर तेरा हे , शायरी मे रवानियत तो होगी, ये इकरार तेरा हे आज इतजार तेरा हे !!! ......................................................... मूशिक्ल,मजबूरी चाहत खवाब की ये ज़िदगी, हा मान ले जीने मे कम अभी ईतजाम तेरा हे खुद को क्यू यहा हरदम कम समझा तूँने, जायज ही मानूगा ये खुद पर जो इल्ज़ाम तेरा हे , बडा ही सरल हे ये सफर भी तेरे दरमियान, मोहब्बत नाम , अगर सफर मे सिर्फ़ यही अजाम तेरा हे खुब हे मजा ज़िदगी के दरमियाँ खवाहिशे जीने मे, निकल चल यहा रुक मत ये मान आखरी जाम तेरा हे पवन

Band kariye, ab sikke mat uchaliye !!!!

Behisaab hasarate na paliye Jo mila h use sambhaliye , Baat Yaha dil ki hai sab, Bas ho sake phele dil sambhaliye, Kismat yu hi nai badalti dost Band kariye, ab sikke mat uchaliye, Raahe Abhi nayi hai junoon Hoga, Waqt rahte in raasto se khud ko nikaliye

कही तो होगी मेरी खुशबू इन हवाओ !!

कही  तो होगी मेरी खुशबू इन हवाओ, कोई तो होगा झोका जो मेरा जिकर करता होगा !!!! ........................................................ मुझे मालूम नही मेरे इन अल्फाजो की वजह, पर कभी खुबसूरत हो तुम आईना जरुर खबर करता होगा, उम्मीद खवाब होगे तुम्हारे दरमियान आज भी, मालूम नही मेरा होना या ना होना कितना असर करता होगा, ज़िदगी के इस पडाव मे जरुरते ही पूरी होती हे, ज़िदगी का सच ओर दिल हर-दम यहा सबर ही करता होगा, उमर भर यहा कोन साथ रह पाता हे , इतना ही काफी होगा अगर ये दिल धड़कन पल-भर करता होगा

मिजाज ये समझा वो आज ज़िदगी का

मुसाफिर ने शहर बदला था एक उम्मीद मे, पर देखो ये शहर ओर भी तन्हा निकला !!!!!!!!!!!! ........................................................... उम्मीद थी आसमा पाने की हरदम, देखो ये करवा कहा से कहा निकला, मुशिक्ल यहा होना लाजमी था, जिसके दरमियना खवहिश का दोर बेपनहा निकला, सोचा था उसने आज वक्त मेरे साथ हे , पर यहा उस मुजरिम का बदला हुआ गवाह निकला मिजाज ये समझा वो आज ज़िदगी का, ज्यादा ही समझना ज़िदगी को यहा अब गुनाह निकला

ज़िदगी जी गयी पुरी होगी हर हसरत समझ कर !!

ज़िदगी जी गयी पुरी होगी हर हसरत समझ कर, जो मिला यहा सब सही जो नही जाने दिया किस्मत समझ कर , आज भी जिसके नसीब हे हवाले रोटी नही , फिर मागा उसने कुछ तूझसे ही ,तुझे कूदरत समझ कर , ये यहा ऐसी ही ज़िदगी हे जनाब , जो मिल रहा हे उसे रख लो दिन की बरकत समझ कर , ज़िदजी एक नशा हे हो गया हो तो हो गया, कुछ नही होगा फिर, जाम पी गया अगर तू शरबत समझ कर, शोक जुनून अपने दरमियान हमेशा ले के चल, यू ही जी हरदम ज़िदगी ,खुद को ज़िदगी की कूरबत समझ कर !!