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Showing posts from September, 2015

चलो एक अपना शहर बसाया जाये

चलो एक अपना शहर बसाया जाये, जहा सिर्फ़ मोहब्बत ओर अपनापन हो ........................................................... ......................................................... उदास यू क्यू यहा चेहरे, हर टूटी उम्मीद को जगाया जाये, दिल से दिल की बात हो, हर उदास दिल को दिल मे बसाया जाये, यहा एक अपना शहर बसाया जाये चलो हरदम मुस्कुराया जाये सबको हसाया जाये जहा इश्क बदनाम ना हो, ज़िदगी सिर्फ़ दोलत का नाम ना हो, इन्सान की यू हसरत गुमनाम ना हो, शोहरत रुतबे ही सब कुछ तमाम ना हो, यहा एक अपना शहर बसाया जाये चलो हरदम मुस्कुराया जाये सबको हसाया जाये जहा पर दिल समझने मे आसान हो, तेरे हर जख्म भी मेरे दिल के निशान हो, हम पास रहकर एक दूसरे ना अज़ान हो, दिलो मे उम्मीदे ज़िदा हर अरमान हो , यहा एक अपना शहर बसाया जाये चलो हरदम मुस्कुराया जाये सबको हसाया जाये p@W@n

ना हमे कभी कोडिग का फंडा आया !

ना हमे कभी कोडिग का फंडा आया, फर्क भी नही मार्क्स anda आया, पर हमने हर व्क्त जीना सीखा, लडे हरदम चाहे हारे या जीते, हमने खुद से अपने रास्ते बनाये, हम वो थे जो इंजिनीयर्स कहलाये कभी तन्हा ही वक्त गुजारा कभी हसते-२ गुजर गया वक्त सारा, नाम भी दिए गये नकारा,आवारा, पर हम वो थे जो उम्मीदो मे जीये, हर एक खवाब को हकीकत मे लाये हम वो थे जो इंजिनीयर्स कहलाये हमने सीखा दिल को समझाना, साथ-२ हसकर सबको हसाना, जब तक अपनी हस्ती रही, तब तक चलती मस्ती रही,, अपनी ज़िदगी मे हर सार ज़िदगी पाये हम वो थे जो इंजिनीयर्स कहलाये Happy Engineers Day to ALL...

दिल को गिरवी रख हालात पूछता था.........!!!

दिल को गिरवी रख हालात पूछता था,, ये वक्त वो था जो मुझसे मेरी ओकात पूछता था .................................................. देखकर जमाने की बेरुखी यू, क्या कींमत मे हे ये जज्बात पूछता था, मुझे ही मेरा कातिल बनाकर, हर राह हर मोड़ पर सवालात पूछता था, यादो के साये मे रखकर, क्या हे अनसुलझे खयालात पूछता था, जब भी हमने खुद मे जीये, ये वक्त था जो शायर की जात पूछता था p@W@n

इल्ज़ाम वही रहे ओर अरमान वही रहे!

इल्ज़ाम वही रहे ओर अरमान वही रहे जो मिले थे कभी निशान वही रहे!!!!!! .......................................................... आजमाते रहे जमाने वाले हरदम, अपने गुनाह से यहा अज़ान वही रहे, यू मोहब्बत कहा कोन करता यहा, बस तारीफ़ करने वाले कदरदान वही रहे, जो खुद जीये नही हमे जीना सीखाते , अभी भी यू मिलने वाले इन्सान वही रहे, जो अपने थे वो तो दिल भी आज भी, उनके लिए हम समझने मे आसान वही रहे, कुछ खोया तो बहुत कुछ पा भी लिया, हम बदले लेकिन हमारी उम्मीदो के आसमान वही रहे! p@W@n

हम तो चले जा रहे ज़िदगी के इस बहाव मे........

हम तो चले जा रहे ज़िदगी के इस बहाव मे, सिख रहे हे जीना ज़िदगी के हर बदलाव मे ! ................................................. जो मिला हे वो भी मुककम्ल ही समझो, वरना हो बहुत बडे-2 अरमान थे चहाव मे , कडवे अनुभव मीठा कर देते हे ज़िदगी, क्या समझोगे अगर हरदम रहोगे छाव मे ज़िदगी उसने मुफ्लिस मे केसे गुजारी, पूछ उनसे भी जख्म  लगे हे जिनके घाव मे, जिसका शोक बस चलते रहना हे , उनसे दोर गुजरता नही यू इस ठहराव मे!!!! पवन